गुल्ली का मुंडन संस्कार
Posted by
Ram Awasthi
on Wednesday, September 23, 2009
गुल्ली की ताली ...
अब गुल्ली जी ने ताली बजाना सीख लिया है। सारा दिन वो जब मस्ती के मूड में होती हैं, तो ताली बजाने लगती हैं
आप उसे ताली बजाते देख सकते हैं ...
आप उसे ताली बजाते देख सकते हैं ...
नटखट गुल्ली ...
काफी दिनों से व्यस्त रहेने के बाद आज कुछ लिखने जा रहा हूँ । पिछले दो हफ्तों में गुल्ली ने बहुत कुछ सीखा है । अब वोह और responsive हो गयी है । उसे चीजें सीखने में बहुत मजा आता है । फ्रीज खोलना फिर बंद करना उसका मन पसंद खेल है । लैपटॉप से उसका बहुत प्रेम है, मेरे लैपटॉप ऑन करते ही वोह मचलने लगती है और खिसक कर लैपटॉप के पास आ जाती है । फिर keypad में और mousepad में हाथ मारना और screen में changes देखना उसका खेल है।
पिछले हफ्ते गुल्ली वापस मेरे parents के पास चली गयी है । वहाँ भी सब उसे बहुत मिस कर रहे थे । गुल्ली ने आज कल कैलकुलेटर को अपना लैपटॉप बना लिया है, वोह उसकी कीज़ को प्रेस करके नंबर्स लाती है फिर delete करती है।
गुल्ली का नाम जागृति रखा था लेकिन कुछ astro reasons से अब हम उसका नया नाम "मान्या" रखने की सोच रहे हैं। गुल्ली रोज एक नई चीज सीखती है, ये पल जीवन में सबसे अनमोल हैं कोई भी एहसास इससे प्यारा और अच्छा नहीं हो सकता। एक नन्ही गुडिया के साथ बिताये गए एक एक क्षण मन में बस गए हैं ।
छोटे बच्चे भगवन का रूप होते है, यह एक दम सच है। हर परेशानी थकान भूल जाता हूँ जब मैं गुल्ली के पास होता हूँ।
बस ऐसे ही गुल्ली का नटखट बचपन देखता रहूँ और अपनी यादों में समेटता रहूँ यही ख्वाहिस है ...
गुल्ली की पसंद ...
आज कल गुल्ली को टीवी देखना पसंद आ गया है ।
गुल्ली का मनपसंद टीवी ऐड "ItchGaurd" का "Mr Khujli" है । जैसे ही खुजली है भाई खुजली है । सुनती है वो टीवी की तरफ़ देखने लगती है। दुसरे उनके मनपसंद ऐड Idea का Walk and Talk और मणि बेन डॉट कॉम है।
गुल्ली को चीजें operate करने में बहुत मजा आता है। टीवी रिमोट उनका मनपसंद खिलौना है। मोबाइल फ़ोन से बातें करना बहुत अच्छा लगता है । जैसे ही मोबाइल की रिंग बजती है गुल्ली तुंरत इधर उधर देखने लगती है और बात करने के लिए मचलने लगती है। गुल्ली का मोबाइल पकड़ने का अंदाज़ एक दम प्रोफेशनल है ।
गुल्ली को घूमना और कार देखने का बहुत अच्छा लगता है। रोज शाम को गुल्ली सोसाइटी में घूमना और कार देखना पसंद करती हैं। गुल्ली को जब नींद आती है तो वोह रोने लगती है क्योंकि उनको खेलना होता है।
मेरे ऑफिस से घर पहुचते गुल्ली तुंरत मेरी गोद में आती है और फिर हम दोनों खेलते है या उसे घुमाने ले जाते है।
गुल्ली को मेरे साथ शौपिंग करने जाना भी बहुत पसंद है, जब मैं उनको अपने साथ ले जाता हूँ तो वो बहुत खुश होती हैं।
इस तरह समय कैसे बीत जाता है पता ही नहीं चलता !
मेरी गुल्ली, प्यारी गुल्ली
Posted by
Ram Awasthi
on Wednesday, July 22, 2009
गुल्ली मेरी प्यारी छोटी सी गुड़िया है । २६ जनवरी २००९ को गुल्ली मेरे जीवन में आई । वो मेरे जीवन का सबसे अनमोल क्षण था जब मैंने गुल्ली को अपनी गोद में उठाया।
गोद में लेते ही मेरे मन में ये नाम आया "गुल्ली" बस मैं उसे इसी नाम से पुकारने लगा । गुल्ली गणतंत्र दिवस की प्रात बेला में आयीं इस लिए हमने उनका नाम जाग्रति रखा।
गुल्ली शुरू से ही बहुत नटखट और प्यारी बच्ची थी । इनको बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है । गुल्ली के आने से हम सब के जीवन में बहुत सारी खुशियाँ और किलकारियां गूँज गयी । हर पल बस उनका भोला नटखट सा चेहरा आँखों में घूमता रहेता है ।
बहुत दिनों से मैं गुल्ली की रोज की बातें ब्लॉग करने की सोच रहा था, आज से अब मैं नियमित ब्लॉग करूंगा ।
गोद में लेते ही मेरे मन में ये नाम आया "गुल्ली" बस मैं उसे इसी नाम से पुकारने लगा । गुल्ली गणतंत्र दिवस की प्रात बेला में आयीं इस लिए हमने उनका नाम जाग्रति रखा।
गुल्ली शुरू से ही बहुत नटखट और प्यारी बच्ची थी । इनको बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है । गुल्ली के आने से हम सब के जीवन में बहुत सारी खुशियाँ और किलकारियां गूँज गयी । हर पल बस उनका भोला नटखट सा चेहरा आँखों में घूमता रहेता है ।
बहुत दिनों से मैं गुल्ली की रोज की बातें ब्लॉग करने की सोच रहा था, आज से अब मैं नियमित ब्लॉग करूंगा ।