
काफी दिनों से व्यस्त रहेने के बाद आज कुछ लिखने जा रहा हूँ । पिछले दो हफ्तों में गुल्ली ने बहुत कुछ सीखा है । अब वोह और responsive हो गयी है । उसे चीजें सीखने में बहुत मजा आता है । फ्रीज खोलना फिर बंद करना उसका मन पसंद खेल है । लैपटॉप से उसका बहुत प्रेम है, मेरे लैपटॉप ऑन करते ही वोह मचलने लगती है और खिसक कर लैपटॉप के पास आ जाती है । फिर keypad में और mousepad में हाथ मारना और screen में changes देखना उसका खेल है।
पिछले हफ्ते गुल्ली वापस मेरे parents के पास चली गयी है । वहाँ भी सब उसे बहुत मिस कर रहे थे । गुल्ली ने आज कल कैलकुलेटर को अपना लैपटॉप बना लिया है, वोह उसकी कीज़ को प्रेस करके नंबर्स लाती है फिर delete करती है।
गुल्ली का नाम जागृति रखा था लेकिन कुछ astro reasons से अब हम उसका नया नाम "मान्या" रखने की सोच रहे हैं। गुल्ली रोज एक नई चीज सीखती है, ये पल जीवन में सबसे अनमोल हैं कोई भी एहसास इससे प्यारा और अच्छा नहीं हो सकता। एक नन्ही गुडिया के साथ बिताये गए एक एक क्षण मन में बस गए हैं ।
छोटे बच्चे भगवन का रूप होते है, यह एक दम सच है। हर परेशानी थकान भूल जाता हूँ जब मैं गुल्ली के पास होता हूँ।
बस ऐसे ही गुल्ली का नटखट बचपन देखता रहूँ और अपनी यादों में समेटता रहूँ यही ख्वाहिस है ...
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